बैतूल। मध्यप्रदेश में घटिया अनाज वितरण के रोज नए घोटाले सामने आ रहे हैं। बालाघाट, मंडला,छिंदवाड़ा समेत कई जिलों में बांटे गए घटिया चावल और गेहूं का मामला थमा भी नहीं था कि अब घटिया चना दूसरे प्रदेशों को भेजने का सनसनीखेज मामला बैतूल में सामने आया है। बैतूल से छत्तीसगढ़ भेजे जा रहे सौ टन चने की खेप में फफूंद लगा और घुन लगा चना मिला, जिसे रास्ते से ही वापस कर दिया गया। चने का भंडारण करने वाले एमपी लॉजिस्टिक वेयर हाउस कॉरपोरेशन की इसमे बड़ी लापरवाही सामने आई है। छत्तीसगढ़ भेजे जा रहे इस चने को वहां गरीबो में बांटा जाना था। लेकिन इसके फफूंद लगे और गुणवत्ता हीन होने की शिकायत के बाद घटिया सप्लाय का यह खेल उजागर हो गया।
बताया जा रहा है कि साल 2018 में नेफेड ने समर्थन मूल्य पर चने की खरीदी की थी, जिसे वेयरहाउस कॉरपोरेशन के जरिये सरकारी और प्राइवेट वेयर हाउसो में रखा गया था। इस चने को कोरोना काल मे केंद्र सरकार ने गरीबों की मदद के लिए उन्हें राशन के तौर पर देने का फैसला किया है। फ्री में बांटे जाने वाले इस चने को छत्तीसगढ़ सरकार को देने के आदेश दिए गए थे। इसका ठेका रायपुर की अनाज कंपनी भारत दाल इंडस्टीज को सौंपा गया है। इसके घटिया होने का खुलासा तब हुआ जब कंपनी के ट्रक ड्राइवर और क्लीनरों को इसका वजन और क्वालिटी घटिया होने का संदेह हुआ और उन्होंने पूरे खेप की जांच करना शुरू किया।
कम्पनी के ट्रक ड्राइवर बैतूल के चिचोली स्थित निजी वेयर हाउस से चार ट्रक में लगभग 100 टन चना लेकर रायपुर के लिए रवाना हुआ थे, लेकिन ड्राइवर को कम वजन और वाटर डैमेज का संदेह हुआ तो उसने ठेकेदार को इसकी सूचना दी। ठेकेदार की शिकायत पर एमपी वेयर हाउसिंग लॉजिस्टिक कॉरपोरेशन, बैतूल की टीम ने इनके सैम्पल लिए तो उसमें फफूंद वाला चना निकला। इसके अलावा चने में कचरा और उसमें घुने लगे होने के भी प्रमाण मिले। गड़बड़ी के उजागर होते ही चारो ट्रकों को तुरंत प्राइवेट वेयर हाउस वापस भेजा दिया गया।
गड़बड़ी के सामने आने के बाद अधिकारी अब जांच करने की बात कर रहे हैं। वहीं, ठेकेदार का कहना है कि ऐसा चना तो गाय भी नहीं खाएगी। भले ही अधिकारी जांच की बात कर रहे हों, लेकिन इस मामले से साफ है कि वेयर हाउस में गड़बड़ी हो रही है। ठेकेदार ने एक ट्रक में 3 क्विंटल चना कम होने का भी संदेह व्यक्त किया है। अब तक बैतूल से 25 सौ टन चना छत्तीसगढ़ भेजा जा चुका है और चार से पांच सौ टन चना अभी और भेजा जाना बाकी है।