कुंडी टोल चालू होने से क्षेत्र की जनता में आक्रोश : शाहपुर
कुंडी शाहपुर : इस तरह से अधूरे रोड़ की स्थिति में कुंडी टोल को चालू किए जाने पर क्षेत्र वासियों में काफी आक्रोश है, जो कभी भी आंदोलन का रूप ले सकता है। आम जनता इस अधूरे निर्माणाधीन रोड पर टोल लेने से अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है। हालांकि कुछ दिन पहले क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा जब तक फोर लाइन रोड का निर्माण पूरा नहीं हो जाता टोल वसूली पर रोक लगाने की बात कही थी। लेकिन क्षेत्रवासी और आम जनता गुरुवार को अचानक ही कुंडी टोल नाके पर वसूली की जाने से शासन की कार्यप्रणाली को संदेह की नजर से देख रहे है।
शाहपुर कुंडी में गुरुवार सुबह करीब 8 बजे से जिस तरीके से टोल चालू किया गया,वह हमारे सिस्टम की विफलता का एक जीता-जागता उदाहरण है। आखिरकार, जब रोड की स्थिति इतनी खराब है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण बरेठा घाट है जहां आए दिन दुर्घटना हो रही है हर कभी घंटे तक जाम की स्थिति बनी रहती है। धार पुलिया, सुखतवा का पुल और केसला की पुलिया ,बागदेव घाट रोड अभी तक अधूरी हैं, तो ऐसे में टोल लेने का क्या औचित्य है? यह एक गंभीर मुद्दा है, जो ना केवल स्थानीय नागरिकों के लिए परेशानी का सबब है, बल्कि हमारे प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा करता है।
यह कैसा शासन यहां जनप्रतिनिधियों की बातो को कोई तवज्जो नहीं दी जा रही। लेकिन जब वे खुद जानते हैं कि सड़कें अधूरी हैं और फिर भी टोल लेना शुरू कर दिया जाता है, तो इसे क्या कहा जाएगा? यह न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है, बल्कि जनता का शोषण भी है।
टोल की शुरुआत के दौरान यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि सभी आवश्यक बुनियादी ढाँचे तैयार हों। क्या यह सही है कि हमारे नागरिकों को अधूरी सड़कों पर यात्रा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि उन्हें अब टोल का भुगतान भी करना पड़ेगा। यह स्थिति दर्शाती है कि हमारे जनप्रतिनिधि और प्रशासक किस तरह से अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ने में लगे हुए हैं।
आवश्यकता इस बात की है कि अब हम इस मुद्दे को गंभीरता से उठाएं और ध्यान आकर्षित करें। यदि बुनियादी ढांचे में सुधार नहीं होता है, तो टोल की रीति-नीति को फिर से जांचा जाना चाहिए। हमें उम्मीद है, जहां हमारे रास्ते सुरक्षित और सुविधाजनक हों, केवल कागज पर नहीं, बल्कि हकीकत में भी।

Author: papajinews
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