भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को ग्वालियर में मुख्यमंत्री शिवराज को चुुनौती कहा था कि वह आमने-सामने बैठ जाएं, मैं उन्हें 26 लाख किसानों के कर्ज माफी का पूरा रिकॉर्ड दे दूंगा।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों की ऋण माफी पर पहले दिन से ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया झूठ बोलते रहे हैं। इस झूठ की राजनीति का पर्दाफाश स्वयं शिवराज सरकार ने सोमवार को विधानसभा में कर दिया है।
शिवराज सरकार ने स्वीकार किया कि प्रदेश में प्रथम और द्वितीय चरण में कांग्रेस की सरकार ने 51 जिलों में 26 लाख 95 हजार किसानों का 11 हजार 600 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज माफ किया है। प्रदेश की जनता से सफेद झूठ बोलने और गुमराह करने की घृणित राजनीति के लिए शिवराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया को तत्काल प्रदेश की जनता से माफी मांगना चाहिए ।
कमलनाथ ने कहा कि ग्वालियर दौरे के दौरान मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को किसानों की ऋण माफी के मुद्दे पर खुली बहस करने की चुनौती दी थी। वे इस मुद्दे पर खुली बहस करते, उसके पहले ही उनकी सरकार ने विधानसभा में स्वीकार कर लिया कि कांग्रेस सरकार ने 26 लाख 95 हजार किसानों का ऋण माफ किया था। जबकि स्वीकृति की प्रकिया में शेष पांच लाख नब्बे हजार किसानों की संख्या को भी स्वीकार किया है।
भाजपा की झूठ की राजनीति का पर्दाफाश हुआ
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन के पटल पर जो सच्चाई भाजपा सरकार ने स्वीकार की है, इससे शिवराज सिंह व भाजपा की झूठ की राजनीति का पर्दाफाश हो चुका है और मेरे द्वारा पहले दिन से ही किसान ऋण माफी की जो संख्या और सूची दी जा रही थी, वह सच साबित हुई है। मैं शुरू से ही यह कहता आ रहा हूं कि भाजपा चाहे जितना झूठ बोल ले लेकिन जो सच्चाई है, वह इस प्रदेश की जनता जानती है और हमारे किसान भाई इसके गवाह है। इसी सच्चाई को सदन में भाजपा सरकार के कृषि मंत्री ने लिखित में स्वीकार भी किया है ।
अब बाकी किसानों की कर्ज माफी की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए
कमलनाथ ने कहा कि सच्चाई को स्वीकार करने के बाद शिवराज सरकार को शेष किसानों की ऋण माफी की प्रक्रिया को शीघ्र शुरू करना चाहिए । उन्होंने कहा कि विधानसभा में जो बहाना ऋण माफी योजना की समीक्षा का बनाया गया है, वह बताता है कि भाजपा और शिवराज सिंह किसानों के विरोधी है। शिवराज सरकार कोई समय-सीमा भी बताने को तैयार नहीं है, जिससे स्पष्ट होता है कि वे किसानों की कर्ज माफी करना ही नहीं चाहते।