उद्यमिता जागरूकता के संबंध में हुआ कार्यशाला का आयोजन,विद्यार्थियों ने जानी प्रक्रिया
स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम के अंतर्गत उद्यमिता विषय पर जागरूकता के संबंध में हुआ कार्यशाला का आयोजन
विद्यार्थियों ने जानी सफल उद्यम स्थापित करने की प्रक्रिया, लोन सब्सिडी प्रक्रिया, शासकीय योजनाओं से सम्बन्धित प्रक्रिया
शासकीय महाविद्यालय शाहपुर में एंटरप्रेन्योरशिप एंड स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत शुक्रवार को उद्यमिता की आवश्यकता एवं महत्व विषय पर साथिया वेलफेयर सोसाइटी बैतूल एवं स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया कार्यशाला का शुभारंभ मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर सरस्वती वंदना के साथ किया गया कार्यशाला की रूपरेखा एवं उद्देश्यों से कार्यशाला एवं स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी श्री अजाबराव इवने ने अवगत कराया कार्यशाला को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य श्री एम डी वाघमारे ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि हमारे देश में गाय को माता यूं ही नहीं कहा जाता है गाय का प्रत्येक उत्पाद कीमती है गोबर से यदि घर लिपते हैं तो वह सर्वोत्तम एंटीबायोटिक है शुद्ध गोमूत्र औषधि का कार्य करता है उन्होंने खेती की लागत कम करने के तरीके बताते हुए कहा कि गौ पालन के द्वारा खेती की लागत कम की जा सकती है उन्होंने उत्तम खेती मध्यम रोजगार पर बल दिया कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन के रूप में पधारे त्रिवेणी गौशाला ग्राम झगड़िया के प्रबंधक एवं सेंट आरटीसी (सेंट्रल इंडिया और ट्रेनिंग सेंटर भारत भारती ) के मास्टर ट्रेनर श्री मनोज वर्मा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य अध्ययन के साथ-साथ आने वाले भविष्य के लिए विद्यार्थियों को तैयार करना भी हैं उन्होंने उद्यमशीलता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उद्यम स्थापित कर हम हजारों लोगों को रोजगार दे सकते हैं हमें हमारी रुचि अनुरूप उद्यम स्थापित करना चाहिए उन्होंने विद्यार्थियों को वर्मी कंपोस्टिंग एवं जैविक खेती के क्षेत्र में सफल उद्यम स्थापित करने के तरीके बताएँ उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र संबंधित उद्यम स्थापित करने का किसानों के पास बहुत अच्छा अवसर है किसान दुग्ध उत्पादों से अत्यधिक लाभ कमा सकते हैं परंतु वे व्यवस्थित प्रबंधन नहीं कर पाते हैं उन्होंने कहा कि किसानों को दुग्ध उत्पादन के साथ गोबर से बने उत्पादों का भी भरपूर प्रयोग कर नवाचार करने की आवश्यकता है गोमूत्र से बने उत्पाद गोफिनायल, गोबर के मंजन, धूपबत्ती, कंडे आदि के लिए अच्छे मार्केट उपलब्ध है राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत एक करोड़ तक का अनुदान डेयरी उद्योग खोलने हेतु मिलता है उन्होंने वर्मी कंपोस्ट की उपयोगिता बताते हुए कहां की वर्मी कंपोस्ट पौधे के लिए सर्वश्रेष्ठ खाद है यह पौधों को पोषण देता है वर्मी कंपोस्ट निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले केंचूओं के पालन के संबंध में भी उन्होंने विस्तार पूर्वक बताया उन्होंने कहा कि वर्मी कंपोस्ट उद्यम स्थापित करने के लिए 35% तक सब्सिडी सरकार के द्वारा दी जाती है उन्होंने वर्मी कंपोस्टिंग बनाने की प्रक्रिया विस्तार पूर्वक विद्यार्थियों को बताई उन्होंने कहा कि वर्मीकम्पोस्ट हेतु 15 दिन से लेकर 3 महीने पुराना गोबर चाहिए एक बेड में केंचुए 5 किलोग्राम डालें 45 दिन के बाद खाद बन जाएगा वर्मी कंपोस्ट से जो उत्पादन होता है ऐसे अनाज का प्रयोग कर भारत को स्वास्थ्य की राजधानी बनाया जा सकता है कार्यशाला के अगले वक्ता के रूप में साथिया वेलफेयर सोसाइटी के जिला संयोजक श्री जितेंद्र प्रजापति ने कहा कि विद्यार्थियों को उद्यमिता की ओर अग्रसर होना चाहिए क्योंकि भविष्य में शासकीय नौकरियाँ निरंतर कम हो रही है और उद्यम स्थापित करने हेतु भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भी अनेक योजनाएं कार्यरत है जिनका लाभ विद्यार्थी ले सकते हैं उधमिता से व्यक्ति का सामाजिक आर्थिक सांस्कृतिक स्तर ऊंचा उठता है उद्यमिता व्यक्ति में नेतृत्वशीलता,जोखिम लेने की क्षमता, नवाचार आदि विकसित करती है उद्यमिता स्वयं के साथ-साथ समाज देश के विकास में सहायक है कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर नितेश पाल एवं आभार प्रदर्शन प्रोफेसर सी के बाघमारे द्वारा किया गया इस अवसर पर डॉ. ज्योति वर्मा डॉ.सुभाष वर्मा डॉ. संजय बानकर,डॉ राकेश हेनोते एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे
Author: papajinews
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